Page 395 - Final Draft_Casestudies_17June2019_new
P. 395

[DRAFT]

            इवके  अराला वुझाल वलद्मारम की गततवलधधमों भें रैंधगक बेदबाल न कयना ,        , प्रश्न भॊच  , शळकामत ऩेटी /

               इववे फच्चों  , छोटी ऩशर की गमी शैं - यीडडॊग ऑलय जैवी छोटीका वलद्मारमी प्रकिमाओॊ भें वश-बाग फढ़ा

             शै। वलद्मारम के  प्रतत अऩनत्ल (Ownership) का बाल फच्चों भें वशज शी भशवूव ककमा जा वकता शै।

            वलद्मारम के  वेवलत षेत्र के  फच्चे मश   , अऩनी आगे की ऩढाई को जायी यखे शए शैं    ) वलळेऴकय फाशरकाएॊ (
                                                                                         ु
               फशत शी आश्लस्थत कायक फात शै। इववेअनुभान ककमा जा वकता शै की वभुदाम फच्चों की वलळेऴकय               (
                 ु
             शळषा के  प्रतत वयोकाय यखने रगा शै।   ) फाशरकाओॊ की


                                                    बवलष्मकारीन मोजनाएॉ

           आगाभी बवलष्म भें वलद्मारम तनम्न वयोकायों के  प्रतत अऩनी प्रततफद्धता शेतु वॊकल्ऩ फद्ध शै-

            फच्चों  शळषा जायी यशे ,   ) वलळेऴकय फाशरकाओॊ की (

            फच्चों को वलद्मारम भें वीखने के  प्रचुय अलवय शभरें ,

            वलद्मारम भें प्रत्मेक फच्चा वीख वकता शै औय उवे वीखना शी चार्शए मश वुतनशळधचत कयना,          ,

            वभुदाम भें वलद्मारम के  प्रतत अऩनत्ल (Ownership) की बालना ऩल्रवलत कयना एलॊ भजफूत फनाना,

            फच्चों  भें  वभानताव्मक   ,  थलतॊत्रता   , ु्तत  की  गरयभा  एलॊ  ककवी  बी  प्रकाय  के   बेदबाल  का  अबाल  जैवे

             फशभूल्म रोकतास्न्त्रक भूल्मों का फीजायोऩण कयना,
               ु
            षेत्र के  श्रेष्ठ वलद्मारम के  ऱूऩ भें वलद्मारम की ऩशचान वुतनशळधचत कयना।



                                           थलमॊ की थक ू र रीडय के  ऱूऩ भें बूशभका


           भैंने वलद्मारम भें इव अर     ,्  वे काभ कयना प्रायम्ब ककमा     शै  9071    अगथत   71ऩ अलधध भें वलद्मारम की

           टीभ रीडय के  ऱूऩ भें अऩनी बूशभका को अशबव्मक्त कयना भेये शरए थलाबावलक वॊकोच का कायण शैकपय              ,
          बी भें अऩनी खाशभमों औय थोड़ी फशत षभताओॊ के  वाथ एक टीभ के  कप्तान के  ऱूऩ भें थलमॊ को देखता
                                             ु
           स्जवके  ऩाव वलद्मारम के  उजातलान अध्माऩकों की          क  शॉ , ु्ऴभताओॊ को वलद्मारम के  ळैक्षषक रक्ष्मों को
                                                                   ू
           प्राप्त कयने के  अलवय शैं। इव अल्ऩ अलधध भें बी भेया मश वलश्लाव भजफूत शआ शै कक रोकतास्न्त्रक
                                                                                           ु
           नेतृत्ल के  भाध्मभ वे वलद्मारमी प्रकिमाओॊ भें फदराल वॊबल शै। भैं थलमॊ को एक टीभ के  र्शथवे के  ऱूऩ

           भें देखता शॉटीभ की व  ,परता टीभ के  प्रत्मेक वदथम की वशबाधगता ऩय तनबतय कयती शै। षभताधच एलॊ          रु  ,
                      ू
            ऩरयस्थथतत के  अनुवाय नेतृत्ल के  अलवय टीभ के  शयेक वदथम के  शरए उऩरधध कयामे जाने चार्शए स्जववे

           वलद्मारम को नेतृत्ल देने के  शरए दूवयी ऩॊस्क्त तैमाय शोती यशे।


           388 | P a g e
   390   391   392   393   394   395   396