Page 461 - SLDP CASE STUDIES 2019-20, MIEPA
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मनोहर वसंत परब

                             जिल्हा परिषद पूर्ण प्राथमिक शाळा देवसू, ता. सावंतवाडी, जि. मसंधुदुर्ण
                                         E-mail id : manoharparab4@gmail.com


                       हमारी पाठशाला ससिंधुदुगग सजले में अती ग्रामीण सिभाग में आती है| अभी भी यहााँ की भौसतक सुसिधाएाँ अधूरी हैं।
               यहााँ का शैक्षसणक, सामासजक िातािरण असिकससत हैं। सशक्षा क े बारे में लोगो में जागृती होनी बाकी हैं। मगर हमने हमारी

               पाठशाला क े माध्यम से यहााँ क े लोगों में उनके बच्चों क े अध्ययन क े बारे में प्रबोधन करके  हमारी पाठशाला का गुणित्ता
               सिकास शत प्रसतशत सनमागण सकया हैं। इस सफलता क े सलए हमारा “सिद्याथी पुस्तक सभशी” जैसे उपक्रम का हमे बहुत फायदा

               हुआ हैं।

                        मेरी पाठशाला का नाम है सजल्हा पररषद पूणग प्राथसमक शाला देिसू, ता. साििंतिाडी, सज. ससिंधुदुगग । मेरे

               पाठशाला का सािंस्कृसतक, सामासजक, पयागिरण अभीभी अती ग्रामीण है। मैंने मेरे सहअध्यायी अध्यापकों क े सहायता से मेरी

               पाठशाला का पाठशाला गुणित्ता सिकास उच्चतम करने क े सलए छोटे-छोटे बहुत शैक्षसणक उपक्रमों का सनमागण सकया हैं। मगर

               इसमे मेरा खुद का काफी सफल शैक्षसणक उपक्रम हैं – "सिद्याथी पुस्तकसभशी" इस शैक्षसणक उपक्रम क े माध्यम से हमने

               हमारी पाठशाला में और अन्य चार पाठशालाओिं में सिद्याथी गुणित्ता सिकास शतप्रसतशत सनमागण करने में सफलता पायी हैं।

                       'ववद्यार्थी पुस्तकविशी शैक्षविक उपक्रम वनवमिती की सोंच - हमने देखा की, छात्रोमे  सकताब पाठ्यपुस्तकों के
               अलािा अन्य सकताबे पढाई के  बारे में उदासीनता हैं। अिािंतर िाचन का छिंद बहुतही न्यूनतम स्तर पर सदखाई सदया। इस समस्या

               को दूर करने क े सलए मेरे सदल में "सिद्याथी पुस्तकसभशी" जैसी शैक्षसणक उपक्रमों की सोच बढ़ गई। जब मैंने इसके  बारेमें
               सोचना शुरु सकया तो इस समस्या का हल सनकालना जरुरी था|

                   १.  छात्रों में अिािंतर सकताब पढ़ने में सबल्क ु ल रुसच नहीं होना
                   २.  छात्रों में पूरक ज्ञान का अभाि होना
                   ३.  छात्रों मे भासषक क्षमता का सिकास न होना

                   ४.  िाचन क े अभाि से छात्रों की सोच नहीं बढ़ना
                   ५.  िाचन क े अभाि से व्यसिमत्ि सिकास में बाधा आना

                       इस समस्या का मैंने आकलन सकया । और उनके  सनराकारण क े सलए मैंने "सिद्याथी पुस्तकसभशी" यह शैक्षसणक
                   उपक्रम का मेरे स्क ू ल में नामािंकन सकया । इस उपक्रम की सहायता से मैंने अगले क ुछ उसिष्ट  सनसित सकये।



























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