Page 462 - SLDP CASE STUDIES 2019-20, MIEPA
P. 462
१. छात्रों को ज्यादा से ज्यादा सकताबों का पररचय देना
२. पाठ्यपुस्तक क े सलए सिंदभग ग्रिंथ गठीत करना
३. सिद्याथी पुस्तक सभशी क े माध्यम से ज्ञान का उचतम स्तर सनमागण करना
४. सकताबों क े आधार पर बच्चोमे सुसिंिाद बढाना
५. इस उपक्रम से छात्रों मे स्ि-असभव्यिी का सिकास बढाना
६. इस उपक्रम से अध्ययन प्रसक्रया आनिंददायी बनाना
७. इस उपक्रम से समाज का सािंस्कृसतक आरोग्य सुदृढ बनाना
सिद्याथी पुस्तक सभशी क े ध्येय सनसित करके मेरे सहअध्यापक और पालकों को मैंने इस उपक्रम से सिंबोसधत कर
सदया। इस आनिंददायी शैक्षसणक उपक्रम का आयोजन स्तर हमने सनसित सकया।
आनंददायी शैक्षविक उपक्रम का आयोजन स्तर
१. इस शैक्षसणक उपक्रम क े शुरुिात में उपक्रम की पुरी जानकारी मेरो छात्रों क े अलािा मेरे सह अध्यायी, अध्यापक
और स्क ू ल कसमटी सदस्यों को मैंने दी।
२. इस पुस्तक सभशी उपक्रम क े सलए आिश्यक सकताबों क े खरेदी सलए मैंने बच्चों का ‘बचत बैंक’ बनाया। उसके बाद
पुस्तक सभशी खेल क े सनयम और रिंजकता, गोपसनयता क े बारे में छात्र, अध्यापक और पालकों को मैंने सिंबोसधत
सकया।
३. इस शैक्षसणक उपक्रम क े सलए कालािधी और सफलताके हेतू हम सबने साथ समलकर नीसतयािं सनसित की। इससलए
हमने एक अध्यापक, छात्र और पालकों की ससमती गठीत की। छात्रों की गुणित्ता सिकास क े सलए आिश्यक
सकताबों की यादी हमने बनाई।
४. स्क ू ल में इस शैक्षसणक उपक्रम क े सलए आिश्यक प्रेरणा पोस्टर बनाया गया|
५. हर मसहने में पुस्तक सभशी का लकी ड्रॉ का िासषगक सनयोजन सनसित सकया।
पुस्तक विशी अध्ययन क ृ ती : पुस्तक सभशी यह एक आनिंददायी लकी ड्रॉ हैं। इस खेल में छात्र बडी रिंजकता से
सहयोग लेते हैं। इस उपक्रम में सहभागी छात्रों क े नाम की सचठॎठी एक सीलबिंद बक्से में रखते हैं। और लकी ड्रॉ समारिंभ का
आयोजन करके इस शैक्षसणक उपक्रम में हम शैक्षसणक और सामासजक क्षेत्र में प्रससद्ध कायगकतागको प्रमुख असतथी क े ऱूप में
आमिंसत्रत करते हैं। छात्रोंके नाम की एक सचठॎठी सनकालते हैं उस सचसियों से सजन छात्रों का नामािंकन होता हैं, उस छात्र का
सन्मान करके उसे सकताब भेट क े ऱूप दी जाती हैं। इस तरह प्रसतमाह हम पुस्तकसभशी उपक्रम हम बडे प्यार से मनाते हैं। और
इस सभशी में जो छात्र सिजय सम्पादन करता हैं उसे अगली सभशी में प्रमुख ििा बनाया जाता हैं। इससे हमें पता चलता हैं की
उस छात्रकी सकताब पढने में रुची पैदा हुई या नहीं।
456