Page 34 - Final Draft_Casestudies_17June2019_new
P. 34
[DRAFT]
2 फच्चों क े वाथ थनेशऩूणत व्मलशाय: वलद्मारम ऩरयवय भें प्रलेळ ऩय फच्चों को अऩनत्ल बये राड़-प्माय देकय
थलागत कयने की अशबनल ऩयॊऩया ळुऱू की गमी | इवका फच्चों क े ऊऩय जादू वा अवय र्दखा, इव शेतु शभें
ऩशरे वलद्मारम ऩशॉचना शोता शै औय छ ु ट्टी क े फाद वबी फच्चों को थनेशऩूणत वलदामी देकय शी वलद्मारम वे
ु
प्रथथान कयते शैं, मे शवरशवरा वलगत 2016 वे अफ तक अनलयत जायी शै |
3 फारके स्न्ित आकऴतणमुक्त वुवस्जजत ल प्रबालळारी चेतना वत्र की ळुरुआत : वलद्मारम की प्रात् कारीन
वबा जो अफ तक भशज एक औऩचारयक प्रकिमा भात्र थी को आकऴतक औय फारके स्न्ित फनाने क े वाथ-वाथ
फच्चों क े भन भें वलद्मारम औय अधधगभ वे जोड़ने, वलद्मारम क े प्रतत श्रद्धा औय वलश्लाव ऩैदा कयाने लारे
वळक्त भाध्मभ क े ऱूऩ भें वलकशवत कयने का रक्ष्म फनाकय कामत ळुऱू ककमा|आकऴतण वे बये शए वुवस्जजत
ु
चेतना-वत्र भें योचक फारके स्न्ित आमाभों क े जोड़े जाने तथा तनमशभत ऱूऩ वे ककमे जाने लारे अशबप्रेयक
वॊफोधनों वे फच्चों भें वलश्लाव ल जुड़ाल का वुप्त फोध जागृत शोने रगा |प्राथतना औय वॊवलधान प्रथतालना की
औऩचारयकताओॊ वे आगे ―आज का वलचाय‖ ―सान-चचात‖ ―अशबमान गीत‖, फच्चों क े जन्भर्दन को वेशरब्रेट
कयना अच्छे कामों ल उऩरस्धधमों ऩय चचात क े वाथ उन्शें वम्भातनत कयने जैवी तनमशभत ऩयॊऩयाओॊ की नील
यखने वे चेतना वत्र का आकऴतण कापी फढ़ गमा |
4 आकादशभक फदराल ववभम वलद्मारम वॊचारन की अलधध तथा कषा शळषण ताशरका का दृढ़ता व
अनुऩारन एलॊ वभम वे भाशवक ऩरयषाओॊ क े के रेन्डय को वख्ती क े वाथ रागू ककमे जाने वे वलद्मारम
व्मलथथा क े प्रतत फच्चों एलॊ अशबबालकों का बयोवा फढ़ने रगा |
5 ळैक्षषक वश ळैक्षषक किमा कराऩों ल गततवलधधमों का वभालेळन प्रत्मेक ळतनलाय को तनमशभत ऱूऩ वे
वलशळष्ट आमोजनों की श्रृॊखराफद्ध ळुरुआत स्जवभें वलशळष्ट व्मस्क्तमों (शळषा, वार्शत्म, करा, वॊथक ृ तत, खेर,
वभाज वेला, प्रळावन, याजनीतत आर्द भें वलळेऴ मोगदान देनेलारे, वलळेऴ उऩरस्धधमाॉ शाशवर कयने लारे
ळस्ख्वमतों वे भुराकात ल वीधे वॊलाद कामभ कयने का अलवय फच्चों को देते शए उन्शें अऩनी अशबरुधच का
ु
27 | P a g e