Page 348 - Final Draft_Casestudies_17June2019_new
P. 348

[DRAFT]
























               फार श्रशभक फच्चों की शळषा---


               फारश्रभ-शभायी वफवे फड़ी वभथमा थी क्मोंकक। इववे फारक औय फाशरका दोनों की शळषा प्रबावलत थी
               फारक अशबबालक क े वाथ काभ ऩय जाते औय फाशरकाएॊ घय का काभ कयती।। अशबबालक उन का नाभ

               तो थक ू र भें शरखलाते थे ऩय फच्चे थक ू र आते नशीॊ थे। थक ू र क े अन्म फच्चों वे ऩता ककमा तो ऩता

               चरा की लो वफ काभ कयने जाते शैं कशाॉ खेतों ऩय, कोल्डथटोयेज ऩय मा रकडड़मा फीनने।। इववे फारक
               औय फाशरका दोनों की शळषा फाधधत शो यशी थी। दळामे की स्जव फच्चे का नाभ कषा 5 भें शरखा था लो

               लणतभारा नशीॊ जानता था। चुनौती फड़ी थी क्मोंकक एक तयप योटी का वलार था एक तयप शळषाका।।
               दोनों शी आलश्मक अॊग शै जीलन का।


               ऑर्टस्थटक फच्चों की शळषा—



               मशाॉ कई फच्चे ऐवे ऩाए गए जो आर्टजभ का शळकाय थे क्मोंकक मशाॉ रोगो भें भर्शरा शळषा औय उनके
               ऩोऴण को रे कय जागऱूकता कभ शै स्जवकी लजश वे जन्भ रेने लारे फच्चे कई वभथमामों वे तघये शोते

               शैं। स्जन्शें वभाज भॊद फुद्धध वभझता शै। उन ऩय शॉवता शै औय उन्शें उनके  शार ऩय छोड़ देता शै शभने



















               प्रलेळ  अशबमान  क े  दौयान  जफ  शभने  देखा  क ु छ  फच्चे  6  वार  क े  ऊऩय  शै  ऩय  वलद्मारम  नशीॊ  आते



               341 | P a g e
   343   344   345   346   347   348   349   350   351   352   353