Page 387 - Final Draft_Casestudies_17June2019_new
P. 387
[DRAFT]
उभु्य भें उनकी ळादी कय दी जाती शै। अभूभन कयते इनकी ळादी कय दी - लीॊ ऩाव कयते 12 लीॊ मा 10
इव प्रकाय वे वेवलत षेत्र के ग्राभीणों भें फाशरकाओॊ की जाती शै औय फशत फाय तो इववे बी ऩशरे बी।
ु
वाफ़ र्दखरामी ऩड़ती शै। अत् - शळषा को रेकय वयोकाय एलॊ प्रततफद्धता की कभी वाफ़वलद्मारम ने
अऩने दूयगाभी रक्ष्म के ऱूऩ भें एक भशत्लऩूणत रक्ष्म मश बी यखा शआ शै कक वेवलत षेत्र की फाशरकाओॊ
ु
को अऩनी रुधच एलॊ मोैमता के अनुवाय शळषा को जायी कयने के वुअलवय शभरें। इवके शरए फाशरकाओॊ
की तनयॊतय काउन्वशरॊग की जाती शै औय वलद्मारम की टीभ का नेतृत्ल कयने की स्जम्भेदायी के तशत भैं
थलमॊ एलॊ वलसान शळक्षषका वुश्री वुनीता वलद्मारम के प्रत्मेक कामतकायी ळतनलाय को गाइडेंव एलॊ
काउन्वशरॊग की एक घॊटे की कषा रेते शैं। इवके शरए वलद्मारम द्लाया एक अन्म उऩिभ बी ककमा
गमा शै। वलद्मारम भें नाभाॊककत फाशरकाओॊ ने काउन्वशरॊग कषाओॊ की ळुऱूआती फातचीत भें कक उनके
भातावके वभाधान के शरखामी के फजाम उनकी ळादी को रेकय अधधक धचॊततत शैं। इ - वऩता उनकी ऩढाई -
) वॊरैन धचत्र ( शरए फाशरकाओॊ एलॊ उनकी भातों को आभने वाभने बफठाकय काउन्वशरॊग की गमी। इवके
वकायात्भक ऩरयणाभ वाभने आमे शैं। वलगत लऴत भें लीॊ ऩाव कय चुकी वबी फाशरकाएॊ तनकट 10लती
इॊटयभीडडएट कारेज भें मा कपय स्जरा भुख्मारम भें अध्ममनयत शैं औय इव लऴत भें कभ उम्र की
फाशरकाओॊ की ळादी की कोई वूचना बी नशीॊ शै। वलद्मारम इव फदराल को एक वकायात्भक उऩरस्धध के
ऱूऩ भें देखता शै कक फाशरकाओॊ की आगे की शळषा को जायी यखने की याश खुरी शै।
चुनौततमाॉ के वभाधान की मोजना
भैंने इव वलद्मारम भें 16 अक्तूफय7102 वे काभ कयना प्रायम्ब ककमा। फशत कभ वभम के अनुबलों को
ु
वाझा कयना भेये शरए अततरयक्त वॊकोच का वलऴम शै। वलद्मारम भें वॊथथाध्मष के ऱूऩ भें काभ कयने के
ळुऱूआती र्दन वे शी भुझे स्जन षेत्रों भें अवलरम्फ काभ कयने की जऱूयत भशवूव शई उनको तनम्नलत
ु
येखाॊककत ककमा जा वकता शै:
वलद्मारम भें कामतयत शळषकोंशळक्षषका को एक प्रबाली टीभ के ऱूऩ भें वॊगर्ठत कयना। अबी तक /
अऩने वलऴमों का शळषण त - शळक्षषका अऩने / वलद्मारम भें वबी शळषकुो कय यशे थे ऩयन्तु उऩयी तौय ऩय
वशमोग (Cooperation) र्दखरामी देने के फालजूद वभन्लमन की वाफ़थी। वाफ़ कभी नज़य आ यशी -
इव वलऴम की , उदशायण के शरए वलद्मारम भें अॊग्रेजी वलऴम के अध्माऩक का ऩद रयक्त शोने के कायण
कषाएॊ वॊचाशरत नशीॊ शो यशी थी। वभुदाम आधथतक ऱूऩ वेइतना वळक्त नशीॊ था कक भानदेम ऩय ककवी
शळषक की व्मलथथा की जा वके । अत् भुझे तात्काशरक ऱूऩ वे मश जऱूयी रगा कक वलद्मारम भें
380 | P a g e