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शभळन
वलद्मारम के वेवलत षेत्र के वबी फारक एलॊ फाशरकाओॊ का वलद्मारम भें ळतप्रततळत नाभाॊकन -
वुतनस्श्चत कयना।
वलद्माधथतमों के अधधगभ शेतु उऩमुक्त बौततक एलॊ अकादशभक लातालयण वुतनस्श्चत कयना ।
प्रत्मेक वलद्माथी की अधधगभ वम्फन्धी जऱूयतों को वॊफोधधत कयना ।
वलद्माथी के अधधगभ भें वलद्माथी वभुदाम की वशबाधगता / शळषक एलॊ अशबबालक ,वुतनस्श्चत कयना ।
ळतप्रततळत वपरता के वाथ गुणलर्त्ाऩूणत ऩयीषापर । -
इवका फशत शी वकायात्भक अवय शआ। वलद्मारम भें कामतयत उऩनर के भाध्मभ वे तनमुक्त वॊवलदा
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कभी प्रमोगळारा वशामक श्री र्दनेळ वुयकारी जी ने कषा भें अॊग्रेजी वलऴम ऩढ़ाने की 10 एलॊ 9
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कषाओॊ भें अॊग्रेजी वलऴम ऩढ़ाने की स्जम्भेदायी रे रीथलमॊ भैंने बी तनचरी एक कषा भें मश ,
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