Page 436 - SLDP CASE STUDIES 2019-20, MIEPA
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पाठशाला की कक्षा पढ़ाने क े हेतु से बनाई नही गई थी तथा यह व्य स्था पयाायी स् ऱूप में थी। एक कमरें में दो कक्षाओिं पढ़ाना

               मुबककल काम था| इसके  बलये बनयोजन बकया गया। और समस्या हल हो गयी तथा ज्ञानरचना ाद पर आधाररत अध्ययन अध्यापन होने लगा।

               बनयोजन में छात्र और अध्यापक दोनों का ब चार बकया गया। समय-समय पर पालकों का सहयोग भी बलया गया । पालक सभा लेकर सभी
               पालकों से पाठशाला की भौबतक सुधार के  बलए आ ाहन बकया गया। पाठशाला  ाता रण पाठशाला क े अनुऱूप न होते हुए भी पढाई का दजाा

               उत्तम होने कारण पालकों का मेरे प्रबत ब श्वास था इसबलए आगे आकर बहुतािंश पालकों ने पाठशाला क े इस काया में सहायता की| म. न. पा.

               पाठशाला का बशक्षास्तर उच्च होने पर ब श्वास बकया। मेरी पाठशाला की पालक सभा में पालकों की उपबस्थती अबधकतम रहती हैं। शाला क े सभी
               कायाकम में भी सहयोग देते है।


                       सभी पालकों क े बलए  ाचनालय खुला रहता है। पालक खुद  ाचनालय में ऱूबच बदखने क े कारण छात्र भी स् यिंस्फ ु तीसे रुची बदखा रहे

               हैं| पाठशाला में  ाचन कोना भी हैं। जहाूँ छात्र अपने बहसाब से मुक्त पठन कर सकते हैं। पाठशाला ब ब ध स्पधााओिं का भी आयोजन बकया जाता
               हैं। हर माह में आने ाले त्योहार का बनयोजन बकया गया हैं। जो शाला क े सिंस्कृती का दपाण हैं। सिंस्कृती क े साथ बदया गया बशक्षा एक मजबुत नी

               होती हैं।


                       माता-पालक सिंघ ब शेि काया करता हैं। पाठशाला बनयोजन में मैं मेरे  ररसॎठ अबधकारीयों को भी सलाह लेकर अिंमल में लाती ह ूँ। मेरे

               बलए उनका सहयोग भी पाठशाला प्रगती में उपयोगी हैं। म. न. पा. स्तर पर भी इन बातों को ध्यान में बलया जाता हैं। कौन से अध्यापक में कौनसी
               ब शेिताए हैं  ह जानकर ही उसी अनुऱूप अध्यापक पर बजम्पमेदारी दी जाती हैं। एक में कोई ना कोई गुण होता हैं। जो पाठशाला की प्रगती क े बकए

               महत् पूणा है।


                       हर बच्चेकी बशक्षा प्रभा ी होणे के  बलये  अध्यापक  एक महत् पूणा भूबमका बनभाता हैं तथा शाला क े प्रगती में चार चाूँद लगाता हैं।

                       पाठशाला में मैं १० साल से बतौर प्रधानाध्याबपका का काया कर रही ह ूँ। सदर शाला में मुझे अमुलाग्र बदल बदखाई देता हैं। तथा नाम

               क े जैसे ही निं. ०१ पाठशाला मानी जाती है। मेरे पत्रों ने २५ बनकि में प्रगती की   शाला को २५ बनकि पूणा करने ाली शाला का   २०१८-१९

               का बशक्षा अबधकारी द ारा प्रमाणपत्र बमला।





































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