Page 437 - SLDP CASE STUDIES 2019-20, MIEPA
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प्रधानाध्यापक क े ऱूप में मैं अपने आप को एक नेता क े रुप में देखती हैं। लीडरशीप करना मतलब हुक ु मशाही करना नहीं होता हैं।
अपने कताव्य को ध्यान में रखते हुए अपने अबधकारों का सही इस्तेमाल करना होता हैं।
मेरी पाठशाला में कायारत हर व्यबक्त का ध्यान रखना तथा उनका मान-सन्मान को ठेस न पहुूँचता हुए उसके गुणों का तथायोग्य उपयोग
करना यह मेरा प्रथम कताव्य हैं। ।पाठशाला का आराखडा बनयोजन का सही उपयोग कर ाना कमाचारीओिं का काया ाटप उनसे काया कर ाने का
तरीका यह महत् पूणा हैं। मेरा स्क ु ल मेरा परर ार यह भा ना रखकर सभी क े साथ योग्य न्याय बदशा से काम करना इन बातों घ्यान रखना पड़ता
हैं। इसकी फलिुती यह बमली हैं की, छात्रों ने २५ बनकि में प्रगती की हैं| तथा पाठशाला को २५ बनकि पूणा करने ाली पाठशाला का २०१८-१९
का बज्हा बशक्षणाबधकारी द्वारा शाला ने प्राप्त बकया हैं। बशक्षा क्षेत्र में स्क ू ल क े बलए यह गौर पूणा बात हैं। समय, ध्येय और उबद्दष्टों को सामने
रखकर छात्र तथा बशक्षकों का प्रथम महत् देती ह ूँ। समाज में मेरे स्क ू ल का प्रभा तथा प्रबसध्दी हो इसका ध्यान रखती ह ूँ। लोकसहभाग, स्पधााएूँ,
आबथाक बनयोजन, शालेय आराखडा आबद बातों तालमेल बनाने हेतु SMC की मदत लेकर काया करती ह ूँ। अध्यापकों को की समस्या जहाूँ तक
हो अपने स्तर पर ही हल करने का प्रयास करती ह ूँ। अपने-आप को एक प्रभा ी आदशा बनाने हेतू अनेक शैक्षबणक पुस्तकों का ाचन, कोसास,
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